दहेज प्रथा सबसे बड़ा सामाजिक कलंक है। दहेज़ प्रथा यह एक कुप्रथा है इस प्रथा ने समाज में बहुत ही भयानक रूप लिया है। आज की दुनिया में दहेज की कुप्रथा से समाज दुःखी है।
गृहिणी :एक सुपर वुमन
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भारत के कुछ हिस्सो में यह रिवाज धूम धाम से चलता है। जाने कब यह लगा हुआ पाप समाज और राष्ट्र से जड़ से मिटेगा।
college के दिन ख़त्म होते आ रहे थे। हम सभी classmet collge के Gorden में हरि-हरि घास में ग्रुप कर के बैठे थे। हमारे college में विदर्भ, मराठवाड़ा, पशिम महाराष्ट्र, खानदेश आदि जगह से students सभी अपने अपने अनुभव बता रहे थे। कोई कॉमेडी कर रहे थे, तो कोई सबसे बिछड़ने के गम में मन को नाराज कर के बैठे थे। इतने में एक सर बोले, यहाँ से जाने के बाद मेरी शादी होनेवाली है। मैं तो इतना पड़ा लिखा हु तो अपने ससुर को कम से कम 3 लाख रूपये दहेज में माँगूँगा। वैसे तो हमारे area से देखे तो मेरी कीमत 7 लाख रूपये है। पर मैं 3 लाख ही माँगूंगा। हम सभी उसकी ओर देखते ही रहे। हम मे से एक ने कहा तुम्हारी कीमत सिर्फ इतनी ही है? तब शायद उसने उस बात को हँसी में टाल दिया। हालां कि आज वह एक लड़की का बाप है। उस ने दहेज भी नही लिया। लेकिन यह बात सच है की महाराष्ट्र में पशिम महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, खानदेश इस भाग में दहेज की प्रथा चालु है। वहा लड़की के पिताजी पहले ही दहेज की रक्कम जमा कर के रखते है। मेरी बेटी ससुराल में खुश रहना चाहिए इस मोह से लड़की का बाप अपनी पगड़ी भी गिरवी रखने को आगे पीछे नही देखता। पढ़े लिखे ओर सुंदर लड़को की मांग 6 -7 लाख तक ही है। मगर कोई Goverment servent है तो, मानो वह अपनी पढ़ाई का पूरा खर्चा ही निकाल लेता है, जैसे की ससुराल का ठेका था।
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दोस्तों कुछ घटना के लिए लड़की के माँ-बाप भी जिम्मेदार रहते है, उदा. जैसे की लड़का 28 साल का है और लड़की 14 साल की है (लड़की की शादी 18 साल के पहले करना कानून जुर्म है ) और उनकी शादी हो जाती है तो लड़की को बहुत ही शारारिक दुःख होता है, डिलेवरी के समय लड़की की जान भी जा सकती है और एक महत्वपूर्ण बात यह है की 18 साल पुरे होने पर ही लड़की की शादी की जाती है और लड़के की उम्र 21 साल होनी चाहिए।
दहेज प्रथा को लेकर T.V पर एक एड् आ रही थी। लड़केवाले लड़की के बाप से दहेज में पैसा और टु-व्हीलर भी मांगते है। शादी के बाद बहु Reply सास को देती है-
क्या बोली ?
आइंदा मैं अपने पति को लेकर बाहर जाऊ तो टोकना मत। क्यूँ की मेरे बाप ने इसे मेरे लिए खरीदा है। मैं इसका जब चाहे , जैसा चाहु इस्तेमाल कर सकती हु। अगर मेरे साथ इज्जत से पेश आयेगी तो, मैं भी तुझे इज्जत दूँगी, साथ में बेटा और मायके से लाई चीजे भी use करने दूँगी। ऐसा कहके नई दुल्हन अपने पति के साथ शान से मायके से लाई टु व्हीलर पर जाती है।
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नई बहु की बात सच तो है। जब समाज दहेज लेना नही छोड़ता देनेवाले ने अपना हुनर क्यों बदलना चाहिए। लड़केवाले लड़के की कीमत ही तो लगाते है। बेटी की शादी में कोई भी बाप कोई कस्र छोड़ना नही चाहता। अपनी लड़की मायके से अछे से बिदा हो, ऎसा सभी मा-बाप का सपना होता है। और हर मा-बाप इसके लिए हर एक कोशिस करते ही है। फिर क्यूँ यह समाज के पागल लोग उन्हें आत्महत्या करने के लिए मजबूर करते है। आज भी दहेज की वजह से मंडप से दूल्हा रूठकर जाता है। लड़की और उसके माँ बाप की इज्जत पल में मिट्टीमे मिलाकर मंडप सुना कर के अपने बाराती लेकर चले जाते है। समाज के तानो के टेंशन की वजह से लड़की और कभी-कभी उसके घरवाले भी आत्महत्या करते है।
तुलसी के बहुगुणी लाभ
तुलसी के बहुगुणी लाभ
आज की दुनिया में यह बात है। जाने कब कलंक दुनिया से पूरी तरह से हटेगा दहेज लेनेवाले और देनेवाले दोनों भी पढ़े लिखे होने के बावजूद भी ऐसा करते है। फिर शिक्षा का क्या मतलब ? इस से तो अनपढ़ रहना अछा है
दहेज लेना और देना दोनों ही गलत बाते है। दोनों भी शिक्षा के लिये पात्र है। आज भी इतना दहेज देने के बाद भी लड़की के सुखी जिंदगी की कोई ग्यारंटी नही होती। आज भी दिनदहाड़े बहु को जलाने के उदाहरण पेपर में हम पड़ते है।
'' सावधान इंडिया जैसे सजग करने वाली सीरियल में ऐसे बहुत इपिसोड देखने मिलते है।''
जाने कब समाज से यह पाप मिटेगा ?
इसलिए कुछ पंग्तिया
'' पढ़ लिख कर सब हो होशियार
दहेज का करो दूर अंधकार
अन्याय के प्रति सब करो लढाई
समाज में रहने वाले
पापियों को मिलकर मार भगाओं
पापियों को मिलकर मार भगाओं
जागो मेरे माता बहनो ''
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