नमस्ते, मेरा नाम आरती मैं www.pravingyan.com इस वेबसाइट के लिए Article लिखने का काम करती हु। आज मै सुबह-सुबह टी.व्ही देख रही थी तभी भगवान जय गणेशा की वंदना चालू थी और पूजा की थाली फूलों से सजी हुई थी उस थाली में मुझे कुछ फूल दिखे, उन फूलों में मैंने एक फूल देखा जिसका नाम है, ''गुड़हल'' हा साथियों आज मै आपको ''गुड़हल'' के फूल के बारे में बतानेवाली हु, गुड़हल का फूल हमारे लिए बहुत ही बहुगुनी, गुणकारी, आरोग्यवर्धक है, इस फूल के माध्यम से हमें क्या फायदे हो सकता है, इसकी जानकारी आज आपको इस Article के माध्यम से प्रस्तुत की जाएगी।
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आजकल सभी युवक, युवतियों, सभी लोगों को लगता है की, मै अच्छा दिखू, मै अच्छा दिखना चाहिए, मेरी स्किन ख़राब नहीं होना चाहिए सभी लोग अपने-अपने तरिके से अपना ध्यान रखते है और अपनी सुंदरता बनाए रखते है, आपकी सुंदरता बनाए रखने के लिए इस Article के माध्यम से आपको और एक सुंदरता का राज बताने जा रही हु .. और वह सुंदरताका राज है, '' गुड़हल का फूल ''
गुड़हल के नाम | Name of Hibiscus
- मराठी - जास्वंद
- संस्कृत - रक्तपुष्पी, जयपुष्पी, रुद्रपुष्पी, जपा, हरिवल्लभ,
- हिंदी - जासूद, अरुणा
- इंग्लिश - शू-फ्लॉवर, हिबिस्कुस (shoeflower, Hibiscus)
गुड़हल पुष्प की विशेषताएँ | Features of Hibiscus Flower
गुड़हल(जास्वंद) के पुष्प की प्रजातियाँ 200 से ज्यादा पाई जाती है, यह पुष्प समशीतोष्ण, उष्णकटिबंधीय भागों में पाया जाता है। इस पुष्प का वनस्पति नाम -हिबिस्कुस रोजा है। गुड़हल (जास्वंद) के पुष्प को मलेशिया और दक्षिण कोरिया ने राष्ट्रिय पुष्प के रूप में स्वीकार किया है।
गुड़हल (जास्वंद) के पुष्प की चाय हमारे सेहत के लिए बहुत ही गुणकारी है। गुड़हल की एक प्रजातिका जिसका नाम ' कानफ ' है, इस से कागज बनाया जाता है, ' रोजेल ' प्रजाति के पुष्प का उपयोग कैरीबीआई देशों में चाय, जैम और सब्जी बनाने के लिए किया जाता है। जय माँ काली और लंबोदर पूजा-अरचना के लिए किया जाता है। दक्षिण भारत के कुछ लोग पुष्प का उपयोग बाल झड़ना, बाल सफेद होना आदि समस्या से परेशान रहते है इन समस्या से छुटकारा पाने के लिए गुड़हल के फूल का उपयोग करते है। गुड़हल की पत्तिया और फूल को पीस कर लेप बनाकर लगाने से बाल झड़ना और रुसी आदि समस्या से छुटकारा मिलता है।
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गुड़हल पुष्प के औषधीय गुण | Medicinal properties of Hibiscus flower
गुड़हल पेड़ के जड़ों को पिस कर दवाइयाँ बनाई जाती है। मैक्सिको में गुड़हल के सूखे हुए फूल को पानी में उबाल कर ज्यूस तैयार किया जाता है, जिसका नाम- '' एगुवाड़े जमाईका '' का है और इसका स्वाद बहुत ही तिखा रहता है, डायटिंग और गुर्दे का दर्द के लिए ज्यूस में बर्फ के साथ चीनी मिलाई जाती है, क्योकि इसमें कुदरती मूत्रवर्ध गुण होते है। ताइवान के चुंग शान अनुशंधानकर्ता का कहना है की, जास्वंद के फूल का अर्क दिल के बीमारियों को दूर करता है, यह अर्क केलेस्ट्रॉल कम करता है।
• पपीता खाने के लाभ
• नारियल खाने के लाभ
• मुसंबी खाने के लाभ
◼️ गुड़हल के पुष्प के दो पत्तिया प्रतिदिन खाना चाहिए, क्यों की चेहरे पर तेज और बाल काले घने होते है।
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◼️ गुड़हल के पुष्प के दो पत्तिया प्रतिदिन खाना चाहिए, क्यों की चेहरे पर तेज और बाल काले घने होते है।
◼️ गर्मी, प्रमेह, मूलव्याध, प्रदर रोग, धातुरोग, बालों का झड़ना आदि समस्या गुड़हल के फूल से दूर होती है।
◼️ एक ग्लास पानी में गुड़हल की पत्तिया भिगोकर रखे और शाम के समय पानी में शक़्कर डालकर सेवन करे, इस से गर्मी से होनेवाले विकार दूर होते है।
◼️ मार लगा हो और फूलन हो तभी गुड़हल के पत्तियों का लेप बनाकर लगाना चाहिए आराम होता है।
◼️ गुड़हल के फूल का रस और खोबरा तेल का मिश्रण सर को लगाने से बाल उगना चालू होए है। टक्क्ल लोगों ने इसका उपयोग करना चाहिए।
◼️ फूल का रस लगाने से सफेद बाल काले होते है।
◼️ केस बढ़ाने के लिए, घने होने के लिए, सफ़ेद बाल आने से रोकना आदि के लिए गुड़हलके फूल का तेल बहुत ही लाभकारी है।
◼️ आवला मका और लाल गुड़हल से बनाया गया तेल से बाल झड़ना कम होता है और सर पर इस तेल से मसाज करने से बाल जड़ों से मजबूत होते है।
◼️ एडीया फटने के बाद दर्द करने लगती है और हम मरहम लगते है, लेकिन आराम नहीं होता ऎसे समय में फटी एड़िओं के लिए गुड़हल का फूल और गुलाब का फूल दोनों को पिस कर लेप तयार करे और दूध में मिलाकर फटी एड़ियों को लगाए।
◼️ लाल गुड़हल के फूल घी में तलकर खाने से स्त्री का श्वेतप्रदर का विकार कम होता है।
◼️ फूल का पणी पिने से आम्लपित्त का विकार दूर होता है।
◼️ फूल और पत्तिओं का लेप बनाकर चेहरे पर 15 मिनट रखे उसके बाद पानी से धो ले चेहरा साफ दीखता है।
◼️ पाचनक्रिया में बिघाड आना और संडास बार-बार पतली होना ऎसे समय में सफेद गुड़हल के फूल को पीस कर खड़ीशक़्कर के पानी में मिलाकर पीना चाहिए आराम मिलता है।
◼️ गुड़हल के फूल का चूर्ण एक कप दूध के साथ सुबह-शाम लेने से शरीर के खून की मात्रा बढ़ती है और स्फूर्ति मिलती है।
◼️ गुड़हल के फूल और पत्तियों को सुकाकर उन्हें पीस कर पाउडर बनाकर उसे बोतल में रखे और प्रतिदिन एक चमच पाउडर एक कप दूध के साथ पिने से यौन शक्ति और स्मरण शक्ति बढ़ती है।
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◼️ गुड़हल के फूल का चूर्ण एक कप दूध के साथ सुबह-शाम लेने से शरीर के खून की मात्रा बढ़ती है और स्फूर्ति मिलती है।
◼️ गुड़हल के फूल और पत्तियों को सुकाकर उन्हें पीस कर पाउडर बनाकर उसे बोतल में रखे और प्रतिदिन एक चमच पाउडर एक कप दूध के साथ पिने से यौन शक्ति और स्मरण शक्ति बढ़ती है।